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Showing posts from 2017

ट्रैफिक में अटकी हुई ज़िन्दगी..

माहौल एकदम गरमाया हुआ है । चारों तरफ धुआं धुआं हो गया है, जली हुई डीज़ल और पेट्रोल की बदबू आ रही है । लोग झल्लाए हुए हैं । एक डेढ़ किलोमीटर लम्बी गाड़ियों की कतार लगी हुई है, सबलोग बहुत जल्दी में हैं, निर्धारित जगह पर समय से पहुंचना नामुमकिन प्रतीत हो रहा है । अंदर से आवाज़ आ रही है, "बेटा, तुमसे ना हो पायेगा" । सबलोग एक दूसरे को ताक रहे हैं, कोई किसी की गाड़ी देख रहा है, कोई किसी की शक्ल, कोई आगे वाले से हटने की उम्मीद कर रहा है ताकी वो आगे जा सके । कोई इंटरव्यू के लिए लेट हो रहा, किसी के नौकरी का पहला दिन है, किसी की परीक्षा है, और किसी का समय ख़राब हो रहा जो उसने मोहतरमा को देने का वादा किया था । सब परेशान हो चुके हैं । आगे पुलिस वाला भी गर्मी से और अपनी नौकरी से खुन्नस खा के खड़ा हैं । लोग हॉर्न पे हॉर्न बजाये जा रहे हैं और उसके कान में जूं तक नहीं रेंग रही । कुछ लोग हार मान चुके हैं और गाड़ी बंद कर के चुपचाप खड़े हो गए हैं । बीच में मोटरसाइकिल पर एक कपल बैठा है, वो खुद में ही लीन है, काफी रमे हुए हैं एक दूसरे में, दुनिया की सारी फ़िक्र छोड़ के, भूल चुके हैं की जाम में फसे हुए है...

व्हाट्सप्प का ज़माना रे भइया...

पहले खाली फेसबुक था, जब भी किसी से चटियाने का मन किया तभी खोलते थे, या यहाँ वहां से कुछ बकवास उठा के कॉपी पेस्ट करते थे । जब जीवन में उससे थोड़ा शांति पाना चाहा तो कोई व्हाट्सप्प निकाल दिया, अरे भइया पहले एक फेसबुक कम लोड दे रहा था जीवन में जो इसको बना दिए, एक दो महीना तक शुरू में नहीं किये थे इनस्टॉल, काहे करें जब अपना Tata Docomo दिन का 500 SMS फ्री दे ही रहा है तो, किससे एतना बतियाना है जो । पर ऐसा है न की जब आपके आसपास की दुनिया एक सिरे से चल रही हो और आप उस झुण्ड में ना हो  तो समाज आपको नज़रों से उतार देता है । तो लो भइया कर लिए इनस्टॉल, अब बताओ का बतियाओगे इसपे । एकाध हफ्ता सब हाय, हेलो, हाउ आर यू किये इसपे, एकदम भोरे भोरे गुड मॉर्निंग का मैसेज आ रहा है हर तरफ से, किसी के मैसेज में फूल पत्ती के साथ, तो किसी के वाले में भगवान के फोटो के साथ विश किया जा रहा है । जो लोग को भुला भी गए है उनका भी मैसेज आ रहा है, एक मिनट के लिए तो सोच में पड़ गए की कौन है ये भाईसाहब जो इतना प्यार दिखा रहे, फिर फोटो देखने के थोड़ा दिमाग में ज़ोर डालने के बाद याद आ आया की अरे ये तो वही है जो 3-4 महीन...

एक दौर वो भी...

एक वो भी दौर था जब प्रेम पत्र दिए बिना प्यार को पूरा नहीं माना जाता था, एक चिट्ठी देने के लिए प्लानिंग की जाती थी मित्र मंडली बैठा के, सिचुएशन बनाने के लिए सामने वाले को 2-3 महीने हिंट दिया जाता था । उस ज़माने में ये काम कोई पहाड़ तोड़ने से कम नहीं था, हर एक कदम दिल की सुन के आगे बढ़ाई जाती थी, दिमाग लगाने वाला कोई कांसेप्ट नहीं था क्यूंकि उस उम्र में दिल ज्यादा हावी रहता है दिमाग पे, नौवीं दसवीं के लौंडे भली भाति समझते होंगे इस चीज़ को । हर काम पूरी शिद्दत से की जाती थी, एक तरफ़ा प्यार में कुछ ज्यादा ही ताकत हुआ करती थी । इम्प्रेस करने का एक भी मौका नहीं छोड़ा जाता था, हेयर जेल नया नया आया था मार्केट में, उससे भी बाल सेट नहीं हुआ तो सैलून में जाके बाल सेट कराते थे मम्मी से पैसा मांग के । और रंग बिरंगे शर्ट और जीन्स और नीचे एकदम सफेदी झलकाता हुआ कैंपस या बाटा का स्पोर्ट्स शू । हर छोटी से बड़ी कोशिशें की जाती थी मोहतरमा को इम्प्रेस करने के लिए, वो क्या है की कम्पटीशन हर फील्ड में होता है ना । ट्यूसन में अपनी वजनदारी भी दिखानी रहती थी, कोबरा का सेंट मार के साइकिल निकाली जाती थी । पीछा भी बकाय...

मोबाईल...

भई जब से तुम मिले हो तब से तुमने कभी हमें जीवन में अकेला महसूस नहीं होने दिया । पहले दिन जब तुम हमसे मिलने वाले थे तब हम काफी excited थे की आज जीवन में कुछ अपना पास आने वाला है । इतनी चमक चेहरे पे कभी न थी । पहली बार में तुम जल्दी समझ में भी नहीं आये थे । सबकुछ छोड़ के तुम्हारे साथ वक़्त बिताने का अलग ही उत्साह था । तुम हमारे इतने करीब थे पर फिर भी लगता था की हम तुम्हे अच्छे से नहीं जान पाये है । फिर कुछ समय में तुम हमारे इतने अच्छे मित्र बन गए की ऐसा लगने लगा की किसी और की जरूरत ही नहीं है । धीरे धीरे तुमने हमारी आदतों का भी पता लगाया और हमें समय समय पे टोकने भी लगे की ये काम तुमने आज नहीं किया । हमारे सारे राज़ की बातें भी तुमसे होकर गुजरने लगीं । गर्लफ्रेंड से की गयी बातें या दोस्तों के साथ की गयी लौंडई, सबका पता रखने लगे तुम । हम कब कहाँ जा रहे, कहाँ से आ रहे हैं इसकी खबर भी बखुबी रखते हो तुम । आज जो हम बकैति भरा ज्ञान दूसरों के सामने पेल के वाहवाही लूटते हैँ वो सब भी तो तुमने ही बताया हमें । कभी किसी मोहतरमा ने अगर 5-6 अंग्रेज़ी के तगड़े शब्द सामने रख दिए तो उसका सीधा साधा अपने स...

नया साल और पुराने दिन

लीजिये फिर से नया साल आ गया, एक और 1st जनवरी निकल गया अपने शहर से दूर रहते हुए, अपने मोहल्ले के सब लड़को की बड़ी याद आई कल । नया साल का नाम सुनते ही एकदम nostalgic फीलिंग आने लगता है । इतने ठंढ में हमलोग सुबह सुबह उठ के मोहल्ले के सब लड़को को घर घर बुलाने जाते थे फिर 2-3 अलग अलग रंग का chalk खरीद के अपने घर का सामने वाली रोड पूरी साफ़ करके उसपे सुन्दर डिजाईन और बड़े बड़े अक्षरों में HAPPY NEW YEAR लिखते थे, कसम से एकदम आर्टिस्ट वाला फीलिंग आ जाता था, फिर घर के बड़ो को अपना बनाया हु आ हैप्पी नई ईयर दिखा के जबरदस्ती का वाहवाही लूटते थे । अब नया साल है तो जलेबी और थोड़ा मस्ती मजा तो बनता ही था तो सब लड़के मिल के थोड़ा थोड़ा पैसा इकठ्ठा करके बगल वाले पिंटू होटल से एकाध किलो जलेबी लेके दबा के खाते थे । फिर बगल वाले मैदान में एक तरफ तीन और एक तरफ एक विकेट गाड़ के एकाध घंटे सब मौका मिलने पे धोनी भईया का हेलीकाप्टर मारने का कोशिश करते थे, किसी किसी से लग भी जाता था और एकाध बार तो गुस्से वाले...