व्हाट्सप्प का ज़माना रे भइया...
पहले खाली फेसबुक था, जब भी किसी से चटियाने का मन किया तभी खोलते थे, या यहाँ वहां से कुछ बकवास उठा के कॉपी पेस्ट करते थे । जब जीवन में उससे थोड़ा शांति पाना चाहा तो कोई व्हाट्सप्प निकाल दिया, अरे भइया पहले एक फेसबुक कम लोड दे रहा था जीवन में जो इसको बना दिए, एक दो महीना तक शुरू में नहीं किये थे इनस्टॉल, काहे करें जब अपना Tata Docomo दिन का 500 SMS फ्री दे ही रहा है तो, किससे एतना बतियाना है जो । पर ऐसा है न की जब आपके आसपास की दुनिया एक सिरे से चल रही हो और आप उस झुण्ड में ना हो तो समाज आपको नज़रों से उतार देता है ।
तो लो भइया कर लिए इनस्टॉल, अब बताओ का बतियाओगे इसपे । एकाध हफ्ता सब हाय, हेलो, हाउ आर यू किये इसपे, एकदम भोरे भोरे गुड मॉर्निंग का मैसेज आ रहा है हर तरफ से, किसी के मैसेज में फूल पत्ती के साथ, तो किसी के वाले में भगवान के फोटो के साथ विश किया जा रहा है । जो लोग को भुला भी गए है उनका भी मैसेज आ रहा है, एक मिनट के लिए तो सोच में पड़ गए की कौन है ये भाईसाहब जो इतना प्यार दिखा रहे, फिर फोटो देखने के थोड़ा दिमाग में ज़ोर डालने के बाद याद आ आया की अरे ये तो वही है जो 3-4 महीना पहले एक दोस्त के जन्मदिन पार्टी में मिला था और जॉब के लिए रोते रोते नंबर लिया था ।
बात यहीं पे ख़त्म नहीं होती है, अब तो 50 ग्रुप भी बन गया है हर जगह का, स्कूल का, मोहल्ला का, कॉलेज का , परिवार वालों का, और आप जहाँ जहाँ गए है, जितने भी दोस्त बनाये है, हर जगह का ग्रुप मिलता है एक । बाप रे बाप ..! ग्रुप छोड़ दीजिये तो वहां का एडमिन ईगो पर ले लेगा ! ग्रुप नहीं छोडिये तो वहां का मैसेज आपका जान ले लेगा ! एक ही जोक सब ग्रुप पर ! रात भर घर्र - घर्र ! जबाब नहीं दो तो - क्या जी, भाव खाने लगे टाईप सेंटी बात सब !
भोरे भोरे अखबार पढ़ना बंद हो चुका है, अब आँख खोलते ही कुकुर बिलाई, सांता बंता, अंकल आंटी का मैसेज पढ़िए पहले । पता नहीं चलता कब किस का बर्थडे मनाया जा रहा है ग्रुप पे, इसी बीच थोड़े बिजी हो गए और नहीं खोले व्हाट्सप्प एक दिन तो अगले दिन 700 मैसेज लबालब भरा रहेगा 10 ग्रुप से । देखते ही माथा ख़राब हो जाता है ।
अगर कोई करीबी है तो उनको भी दिक्कत की इतना देर रात तक ऑनलाइन होके क्या कर रहे थे, हमसे तो बतियाने का फुर्सत है नहीं तुमको, पर रात भर किसी और के साथ लगे रहते हो । अब फिर उनको सफाई दीजिये की ये ग्रुप वालों के चक्कर में जगे थे आप ।
आज तक जैसे तैसे जीवन काट रहे थे कोई पूछने नहीं आया, लेकिन अब देखिये सबसे ज्यादा चिंता इनको ही है, नहीं चाहिए कुछ, थोड़ा शांति चाहिए, ऐसा फोटो काहे लगाए हो, ऐसा स्टेटस काहे रखे हो, स्टेटस काहे नहीं रखे हो, फोटो काहे नहीं लगाए हो ।
अरे भक्क, भाग लो सब, नहीं चाहिए ग्रुप, सब ग्रुप डिलीट । ज्यादा माथा खाओगे तो व्हाट्सप्प ही डिलीट, राग अलापते रहना । गुड बाय ।
Ky baat! Bohot sahi! Maza aa gaya... Parh ke!
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