ट्रैफिक में अटकी हुई ज़िन्दगी..
माहौल एकदम गरमाया हुआ है । चारों तरफ धुआं धुआं हो गया है, जली हुई डीज़ल और पेट्रोल की बदबू आ रही है । लोग झल्लाए हुए हैं । एक डेढ़ किलोमीटर लम्बी गाड़ियों की कतार लगी हुई है, सबलोग बहुत जल्दी में हैं, निर्धारित जगह पर समय से पहुंचना नामुमकिन प्रतीत हो रहा है । अंदर से आवाज़ आ रही है, "बेटा, तुमसे ना हो पायेगा" । सबलोग एक दूसरे को ताक रहे हैं, कोई किसी की गाड़ी देख रहा है, कोई किसी की शक्ल, कोई आगे वाले से हटने की उम्मीद कर रहा है ताकी वो आगे जा सके ।
कोई इंटरव्यू के लिए लेट हो रहा, किसी के नौकरी का पहला दिन है, किसी की परीक्षा है, और किसी का समय ख़राब हो रहा जो उसने मोहतरमा को देने का वादा किया था । सब परेशान हो चुके हैं । आगे पुलिस वाला भी गर्मी से और अपनी नौकरी से खुन्नस खा के खड़ा हैं । लोग हॉर्न पे हॉर्न बजाये जा रहे हैं और उसके कान में जूं तक नहीं रेंग रही । कुछ लोग हार मान चुके हैं और गाड़ी बंद कर के चुपचाप खड़े हो गए हैं । बीच में मोटरसाइकिल पर एक कपल बैठा है, वो खुद में ही लीन है, काफी रमे हुए हैं एक दूसरे में, दुनिया की सारी फ़िक्र छोड़ के, भूल चुके हैं की जाम में फसे हुए हैं । साइड में एक पुरानी हीरो होंडा स्प्लेंडर पर एक चचा बैठ के दोनों को गौर से देख रहे हैं और नयी पीढ़ी को कोस रहे हैं, और दूसरी साइड में खड़े सिंगल लौंडे अपनी किस्मत को । वो क्या हैं की अगर आप सिंगल हैं और दोस्तों के साथ हैं तब फर्क नहीं पड़ता, पर अगर अकेले हैं और सामने कोई कपल बैठा हो तो खुद की ख़राब किस्मत याद आ ही जाती है ।
उसी जाम में कुछ छोटे गरीब बच्चे है जो हर गाड़ी के पास जा रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं की कोई उनका सामान खरीदेगा और उनके घर में आज अच्छा खाना पकेगा, ऐसे कुछ बूढ़े लोग भी हैं जो उस जाम में पैसे मांग के अपना बुढ़ापा काटने के कोशिश में लगे हैं, कुछ पैसे मांगने वाले विकलांग हैं जो इसी तरह अपना और अपने परिवार का गुज़ारा करते हैं, और इन्ही के बीच में नकली पट्टी लगा के पैसे मांगने वाले कामचोर लोग भी हैं, जिन्हें मालूम है की कोई ना कोई उन्हें पैसे दे ही देगा और उनका गुज़ारा चलता रहेगा । कुछ हिजड़े है जो पप्पियों और झप्पियों के दम पर पैसे निकलवाना बखूबी जानते हैं । हर बड़े सिगनल पर उनकी टीम बखूबी काम कर रही है ।
रोड के साइड में टपरी है, कुछ लोग वहां पे चाय सुट्टे का लुत्फ़ उठा रहे हैं और मोदी सरकार के अच्छे दिनों पे बहस कर रहे हैं । वहीं पर एक बिल्डिंग हैं, उसके आठवें तल्ले से लोग नीचे का ट्रैफिक जाम देख कर वहां से निकलने की हिम्मत नहीं कर पा रहे । कुछ लोग साइड में खड़े होकर 200 मीटर पर जाम में फसी उनकी ओला / उबर के उन तक पहुंचने का इंतज़ार कर रहे हैं और ड्राइवर को कॉल करके जल्दी आने को बोल रहे हैं, ड्राइवर भी "हाँ सर, हाँ मैडम" बोल के झूठी सान्तवना देने में लगा है ।
आख़िरकार, सिगनल की बत्ती का रंग हरे में बदलता है, और लोगों के चेहरे पर एक राहत देखने को मिलती है, पर स्ट्रगल जारी रहता है आगे निकलने का, जल्दी पहुंचने का, जो शायद कभी नहीं हो सकता ।
~ Sajal Suraj
कोई इंटरव्यू के लिए लेट हो रहा, किसी के नौकरी का पहला दिन है, किसी की परीक्षा है, और किसी का समय ख़राब हो रहा जो उसने मोहतरमा को देने का वादा किया था । सब परेशान हो चुके हैं । आगे पुलिस वाला भी गर्मी से और अपनी नौकरी से खुन्नस खा के खड़ा हैं । लोग हॉर्न पे हॉर्न बजाये जा रहे हैं और उसके कान में जूं तक नहीं रेंग रही । कुछ लोग हार मान चुके हैं और गाड़ी बंद कर के चुपचाप खड़े हो गए हैं । बीच में मोटरसाइकिल पर एक कपल बैठा है, वो खुद में ही लीन है, काफी रमे हुए हैं एक दूसरे में, दुनिया की सारी फ़िक्र छोड़ के, भूल चुके हैं की जाम में फसे हुए हैं । साइड में एक पुरानी हीरो होंडा स्प्लेंडर पर एक चचा बैठ के दोनों को गौर से देख रहे हैं और नयी पीढ़ी को कोस रहे हैं, और दूसरी साइड में खड़े सिंगल लौंडे अपनी किस्मत को । वो क्या हैं की अगर आप सिंगल हैं और दोस्तों के साथ हैं तब फर्क नहीं पड़ता, पर अगर अकेले हैं और सामने कोई कपल बैठा हो तो खुद की ख़राब किस्मत याद आ ही जाती है ।
उसी जाम में कुछ छोटे गरीब बच्चे है जो हर गाड़ी के पास जा रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं की कोई उनका सामान खरीदेगा और उनके घर में आज अच्छा खाना पकेगा, ऐसे कुछ बूढ़े लोग भी हैं जो उस जाम में पैसे मांग के अपना बुढ़ापा काटने के कोशिश में लगे हैं, कुछ पैसे मांगने वाले विकलांग हैं जो इसी तरह अपना और अपने परिवार का गुज़ारा करते हैं, और इन्ही के बीच में नकली पट्टी लगा के पैसे मांगने वाले कामचोर लोग भी हैं, जिन्हें मालूम है की कोई ना कोई उन्हें पैसे दे ही देगा और उनका गुज़ारा चलता रहेगा । कुछ हिजड़े है जो पप्पियों और झप्पियों के दम पर पैसे निकलवाना बखूबी जानते हैं । हर बड़े सिगनल पर उनकी टीम बखूबी काम कर रही है ।
रोड के साइड में टपरी है, कुछ लोग वहां पे चाय सुट्टे का लुत्फ़ उठा रहे हैं और मोदी सरकार के अच्छे दिनों पे बहस कर रहे हैं । वहीं पर एक बिल्डिंग हैं, उसके आठवें तल्ले से लोग नीचे का ट्रैफिक जाम देख कर वहां से निकलने की हिम्मत नहीं कर पा रहे । कुछ लोग साइड में खड़े होकर 200 मीटर पर जाम में फसी उनकी ओला / उबर के उन तक पहुंचने का इंतज़ार कर रहे हैं और ड्राइवर को कॉल करके जल्दी आने को बोल रहे हैं, ड्राइवर भी "हाँ सर, हाँ मैडम" बोल के झूठी सान्तवना देने में लगा है ।
आख़िरकार, सिगनल की बत्ती का रंग हरे में बदलता है, और लोगों के चेहरे पर एक राहत देखने को मिलती है, पर स्ट्रगल जारी रहता है आगे निकलने का, जल्दी पहुंचने का, जो शायद कभी नहीं हो सकता ।
~ Sajal Suraj
A different world altogether resides in a traffic jam!!! Very well written again!! Keep it up!
ReplyDelete