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मोबाईल...

भई जब से तुम मिले हो तब से तुमने कभी हमें जीवन में अकेला महसूस नहीं होने दिया । पहले दिन जब तुम हमसे मिलने वाले थे तब हम काफी excited थे की आज जीवन में कुछ अपना पास आने वाला है । इतनी चमक चेहरे पे कभी न थी । पहली बार में तुम जल्दी समझ में भी नहीं आये थे । सबकुछ छोड़ के तुम्हारे साथ वक़्त बिताने का अलग ही उत्साह था । तुम हमारे इतने करीब थे पर फिर भी लगता था की हम तुम्हे अच्छे से नहीं जान पाये है । फिर कुछ समय में तुम हमारे इतने अच्छे मित्र बन गए की ऐसा लगने लगा की किसी और की जरूरत ही नहीं है । धीरे धीरे तुमने हमारी आदतों का भी पता लगाया और हमें समय समय पे टोकने भी लगे की ये काम तुमने आज नहीं किया । हमारे सारे राज़ की बातें भी तुमसे होकर गुजरने लगीं । गर्लफ्रेंड से की गयी बातें या दोस्तों के साथ की गयी लौंडई, सबका पता रखने लगे तुम । हम कब कहाँ जा रहे, कहाँ से आ रहे हैं इसकी खबर भी बखुबी रखते हो तुम । आज जो हम बकैति भरा ज्ञान दूसरों के सामने पेल के वाहवाही लूटते हैँ वो सब भी तो तुमने ही बताया हमें । कभी किसी मोहतरमा ने अगर 5-6 अंग्रेज़ी के तगड़े शब्द सामने रख दिए तो उसका सीधा साधा अपने स...