ट्रैफिक में अटकी हुई ज़िन्दगी..
माहौल एकदम गरमाया हुआ है । चारों तरफ धुआं धुआं हो गया है, जली हुई डीज़ल और पेट्रोल की बदबू आ रही है । लोग झल्लाए हुए हैं । एक डेढ़ किलोमीटर लम्बी गाड़ियों की कतार लगी हुई है, सबलोग बहुत जल्दी में हैं, निर्धारित जगह पर समय से पहुंचना नामुमकिन प्रतीत हो रहा है । अंदर से आवाज़ आ रही है, "बेटा, तुमसे ना हो पायेगा" । सबलोग एक दूसरे को ताक रहे हैं, कोई किसी की गाड़ी देख रहा है, कोई किसी की शक्ल, कोई आगे वाले से हटने की उम्मीद कर रहा है ताकी वो आगे जा सके । कोई इंटरव्यू के लिए लेट हो रहा, किसी के नौकरी का पहला दिन है, किसी की परीक्षा है, और किसी का समय ख़राब हो रहा जो उसने मोहतरमा को देने का वादा किया था । सब परेशान हो चुके हैं । आगे पुलिस वाला भी गर्मी से और अपनी नौकरी से खुन्नस खा के खड़ा हैं । लोग हॉर्न पे हॉर्न बजाये जा रहे हैं और उसके कान में जूं तक नहीं रेंग रही । कुछ लोग हार मान चुके हैं और गाड़ी बंद कर के चुपचाप खड़े हो गए हैं । बीच में मोटरसाइकिल पर एक कपल बैठा है, वो खुद में ही लीन है, काफी रमे हुए हैं एक दूसरे में, दुनिया की सारी फ़िक्र छोड़ के, भूल चुके हैं की जाम में फसे हुए है...